कैम्ब्रिज एनालिटिका के कुख्यात कांड की जड़ों को खंगालते हुए, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग सार्वजनिक रूप से अदालत में गवाही देने के लिए तैयार हैं। बुधवार को शुरू होने वाला यह $8 बिलियन का विशालकाय वर्ग कार्रवाई मुकदमा जुकरबर्ग और मेटा के अन्य नेताओं को गोपनीयता प्रोटोकॉल के प्रबंधन के आरोपों के कटघरे में खड़ा कर रहा है।
उभरते आरोप
मुकदमे में डरावने दावे सामने आए हैं: मेटा पर उपयोगकर्ताओं के डाटा से संबंधित गंभीर जोखिमों को छिपाने का आरोप है, जबकि फेसबुक की पिछली गलतियों पर पर्दा डाल दिया गया। कथित तौर पर, मेटा अपने शेयरधारकों को डाटा के दुरुपयोग की संभावनाओं के बारे में पर्याप्त रूप से सूचित करने में विफल रहा, जिससे वह एक कानूनी जाल में फंस गया जो महंगा साबित हो रहा है।
एफटीसी का फैसला
2019 में, उस विवादास्पद तूफान के बाद, फेसबुक ने फेडरल ट्रेड कमीशन को \(5.1 बिलियन के भारी जुर्माने का भुगतान करने पर सहमति दी थी। इसके कुछ समय बाद, यह तकनीकी विशालकाय ने उपयोगकर्ताओं के शिकायतों के अनुरूप \)725 मिलियन की गोपनीयता समझौता भी किया। अब, निवेशक जुकरबर्ग और अन्य ऐलीट काडर से $8 बिलियन से अधिक के कानूनी बोझ का भारी भुगतान चाहते हैं।
कौन गवाही देगा?
माना जा रहा है कि जुकरबर्ग से शुरू होकर, कई जाने-माने और विवादस्पद व्यक्तित्व, इस मामले की परतें उजागर करेंगे। शेरिल सैंडबर्ग, मेटा के पूर्व सीओओ, और प्रतिष्ठित बोर्ड के सदस्य जैसे मार्क आंद्रेसेन और पीटर थील भी इस जटिल कानूनी कहानी में अपनी आवाज जोड़ेंगे।
व्यापक प्रभाव
यह मुकदमा न केवल जुकरबर्ग की कानूनी लड़ाईयों को दर्शाता है, बल्कि तकनीकी दिग्गजों और डाटा गोपनीयता पर बड़े पैमाने पर जांच का भी युग शुरू करता है। निवेशक और उपयोगकर्ता दोनों इस परिणाम को लेकर चिंतित हैं, जिसके व्यापक प्रभाव होंगे कि डिजिटल युग में गोपनीयता मुद्दों को कैसे प्रबंधित किया जाता है।
Times Colonist के अनुसार, इस मुकदमे की घटनाएं गोपनीयता अनियमितताओं और प्रौद्योगिकी उद्योग में कारपोरेट जिम्मेदारी पर कानूनी दृष्टिकोण को पुनर्परिभाषित कर सकती हैं।